Wednesday, November 22, 2017

अफ़वाह

कल शाम एक अफवाह फैली
उस दवानल के आग सी
जैसे कोई तूफा आ चला हो
या आसमान से बिजली आ गिरी हो
सभी को इसकी भनक लगी
मगर आवाज ना सुनाई दी
उसी को ढूंढते हुए सब
चौराहे में बनी मूर्ति के पास
चौड़ी निगाह और बड़े कान लिए
उसी पुरानी जगह आ  पहुंचे



और देखते ही देखते
एक भीड़ जमा हो गई
कोई सकते में ही आया 

Sunday, November 12, 2017

हिस्सा एक खेल का

आओ तुम्हें किस्सा बताऊं
उस समय के कांड का
जो खुरापाती रहा होगा
रचनाकार इस ब्रह्मांड का
जब धरा देख आकाश को
सूना सूना कुछ लगा होगा
तभी उसने भी खेल नया
खेलने को सोचा होगा















आओ धारा तुम सहयोग करो
चारों तरफ फैले इस जल का
जिससे मिलकर खड़ा हो सके
एक शानदार नमूना कल का
तभी पवन,अनल ने मिलकर
आकाश का सहयोग किया होगा