The words of deep emotion are here.
देखो कलम यह, टूट चुकी है स्याही साथ में, सूख चुकी है बिना कलम और स्याही के, कवि बेचारा क्या करेगा नाखूनों से कलम बनाकर, खून की स्याही भरेगा