WithinYOU POETRY
The words of deep emotion are here.
Saturday, August 19, 2017
असमंजस
एक दिन सहसा
इस बोझिल
जिंदगी से उबकर
न जाने उसके मन मे क्या खटका
असमंजस में
वह कूद गया
गांव किनारे कुँए में
नहीं,
अरे नहीं
वह बच गया
कुवाँ सुखा था
और शायद
पहली बार सुना
कोई बच गया
सूखा पड़ने से.....?
Thursday, August 17, 2017
छोटे बच्चे स्कूल चले
उछल उछल कर ,फुदक फुदक कर
भोले भाले स्कूल चले
नाचते गाते ,मस्ती करते
छोटे बच्चे स्कूल चले
नन्हे मुन्हे, भोले भाले
बड़े बड़े अरमान हैं पाले
रोज सवेरे होले होले
सबके प्यारे स्कूल चले
कदम कदम पर ,मोड़ मोड़ पर
सब जन को सम्मान दिए
हस्ते हस्ते ,जाते जाते
नयी उमंग उल्लास लिए
सबके न्यारे , स्कूल चले
फूलों के झुरमुट हो जैसे
मनमोहक सी छठा बिखेरे
सागर के मोती हो जैसे
नयी चमक मुस्कान लिए
आँखों के तारे स्कूल चले
छोटे बच्चे स्कूल चले
‹
Home
View web version