Saturday, August 19, 2017

असमंजस

एक दिन सहसा
इस बोझिल
जिंदगी से उबकर
न जाने उसके मन मे क्या खटका
असमंजस में
वह कूद गया


गांव किनारे कुँए में
नहीं,
अरे नहीं
वह बच गया
कुवाँ सुखा था
और शायद
पहली बार सुना
कोई बच गया
सूखा पड़ने से.....?

3 comments: