WithinYOU POETRY
The words of deep emotion are here.
Thursday, February 01, 2018
जिंदगी
सुबह से लेकर शाम तक
थकान है जिंदगी
छोटी छोटी बातों में आने वाली
मुस्कान है जिंदगी
मनुष्य के सत्कर्मों की
पहचान है जिंदगी
हर गिरते पड़ते क़दमों पर
एक पैगाम है जिंदगी
कभी संसार की मोहमाया से
डूबी है जिंदगी
कभी किसी पश्चाताप का
आवरण है जिंदगी
1 comment:
Unknown
3 February 2018 at 08:36
Very nice poem yuvi... Good efforts
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Very nice poem yuvi... Good efforts
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