WithinYOU POETRY
The words of deep emotion are here.
Friday, April 27, 2018
जीवन की आस
वह बूढ़ा
बरगद का पेड़
गांव के बीच में
किसी मीनार की भांति
अंबर की ऊंचाई से
निहारता चारदीवारी को
मूर्छित पड़े शमशनो को
मुर्दा कब्रिस्तानों को
किसी तरह
कोई मुझे काट
एक छोटा सा मॉल बना दे
ताकि कम से कम
खुशी नहीं
जीवन लौट तो आए
उस गांव में
No comments:
Post a Comment
‹
›
Home
View web version
No comments:
Post a Comment