Thursday, January 18, 2018

इंतजार तो है

उस अनकही सी बात का
इन लम्हों में साथ का
इंतजार तो है

आने वाली उन यादों का
हंसाने वाली उन बातों का
इंतजार तो है

प्यारी सी एक आस का
और अपनों के पास का
इंतजार तो है

उन गुदगुदाती सी बातों का
और सपनों से भरी रातों का
इंतजार तो है


मृदू ऋतु सावन का
और निर्झर उड़ती पवन का
इंतजार तो है

गुजरते हुए राही का
और हमेशा तत्पर सिपाही का 
बिछड़ने में दर्द का
और जाड़ों में सर्द का
इंतजार तो है

इस युग में संस्कृति का
और युवा में अमर जोश का
मेहनत के फलक का
और इंसान में ललक का
इंतजार तो है

जीवन के उस मंत्र का
और स्वयं के एक तंत्र का
इंतजार तो है

इंतजार के लिए धैर्य का
और देश के लिए शौर्य का
इंतजार तो है

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