Friday, June 08, 2018

कलम

तलवार की धार में,
खून के कुछ छीटें
सूखे हुए
एक म्यान में कैद
हंसते है 
बड़ी नीर्लजता से
उस तीखी धार पर
जिसने उनको जन्म दिया
क्यूंकि उससे भी तेज,
धारदार,
असरदार चोट करने वाली
खुले आम घूमती है,
सस्ते में बिकती है,
और वह कलम
बड़ी ही शांत दिखती है।

2 comments:

  1. धारदार आपका दिमाग़ भी है जो ऐसी रचना लिख पता है I बहुत बढ़िया रचना I

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