तलवार की धार में,
खून के कुछ छीटें
सूखे हुए
एक म्यान में कैद
खून के कुछ छीटें
सूखे हुए
एक म्यान में कैद
हंसते है
बड़ी नीर्लजता से
उस तीखी धार पर
जिसने उनको जन्म दिया
क्यूंकि उससे भी तेज,
धारदार,
असरदार चोट करने वाली
खुले आम घूमती है,
सस्ते में बिकती है,
और वह कलम
बड़ी ही शांत दिखती है।
बड़ी नीर्लजता से
उस तीखी धार पर
जिसने उनको जन्म दिया
क्यूंकि उससे भी तेज,
धारदार,
असरदार चोट करने वाली
खुले आम घूमती है,
सस्ते में बिकती है,
और वह कलम
बड़ी ही शांत दिखती है।
Nice yuvraj
ReplyDeleteधारदार आपका दिमाग़ भी है जो ऐसी रचना लिख पता है I बहुत बढ़िया रचना I
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