मुख्य सड़क के किनारे
एक चौपहिया
बड़ी शांत अवस्था में
प्रतीक्षा कर रहा था
वह लाखों,करोड़ों वाला नहीं
बल्कि फलों के
एक ठेले वाला
किसी की तड़पन बांधे
दुखों को संभाले
पानी छिडकता
फलों वाला था
उसके नीचे कुछ बेकार पड़े
ना बेचने योग्य
फलों को फेंका था
जिसको बड़ी देर से
एक सुस्त बच्चा
निहारता,देखे जाता
थोड़ी देर में चुप चाप
वह वहां पर आया
गिरे फलों को उठाया
और चला गया
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