The words of deep emotion are here.

पंखे में धूल

Poetry comes from the highest happiness or the deepest sorrow. - A.P.J.ABDUL KALAM

Monday, October 30, 2017

पलायन १

जन्मभूमि के लिए दुखद,अत्यधिक दुखद, दिन था वह जब उसकी ही संतानें उसको छोड़कर जा रही थी शायद इस उम्मीद में कि कोई बेहतर और बेहतर कर्मभूमि मिले मगर वह जहां का रहे थे वहां इंसान जैसा कुछ न था रहना ऐसा जैसे माचिस के डिब्बे में तीलियां समेटी हो और बस एक चिंगारी काफी है उनको तबाह करने के लिए...
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Tuesday, October 03, 2017

पेट को दोष

जिंदगी के इस धूमिल होते सफर में एक शाम खयाल आता है  उन लोगो का जो सूरज डूबने के बाद भी नहीं थमते हैं खयाल कम और सवाल ज्यादा न जाने किससे जो इस प्रशासन को चला रहा है या फिर उससे जो इस दुनिया को चला रहा है उन जिंदगियों के लिए जो केवल पेट के खातिर नहीं थमती बड़ी ही नश्वर चीज है यह पेट जो केवल अपने खातिर किसी की जिंदगी तक नहीं बख्शता सारी मार काट केवल उसी के खातिर सोचा भी नहीं  जा सकता कोई इतना निर्मम कैसे हो सकता...
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