यह तबाही
उनकी नहीं
जन्मभूमि की अधिक थी
जो उनको
अपनी गोद में
हंसते खेलते देखना चाहती थी
मगर वहां
उनके दफन होने को
दो गज जमीन भी नसीब न थी
और शायद
यह उनके ही कर्म होंगे
क्यूंकि आज
दोनों जगह सन्नाटा पसरा है।
पलायन १- पहले इसे पढ़...
पंखे में धूल
Poetry comes from the highest happiness or the deepest sorrow. - A.P.J.ABDUL KALAM
अंधेरी कोठरी
Poetry is when an emotion has found it's thought and the thought has foud words. - ROBERT FROST
लोरी
The poet is a liar whoalways speaks truth. - JEAN COCTEAU
डाकिया
Poetry should be great and unobtrusive, a thing which enters into ones soul, and does not startle it or amaze it with itself, but with its subject. - JHON KEATS
कतरा : कागज का
And when all the wars are over, a beautiful butterfly will still be beautiful. - RUSKIN BOND
Saturday, August 25, 2018
Thursday, August 16, 2018
इशारे

घर के किसी कोने में
अखबारों का ढेर
देख है कभी
सूना है कभी उन आवाज़ों को
उन बातों को
जो वह आपस में करते हैं
जिन बातों से वह झगड़ते हैं
मत करना कोशिश
कभी उनको सुनने की
गलत समझ बैठेंगे तुम्हें
चाहे खुद जल जाएंगे
मगर ख़ाक कर देंगे तुम्हें
ऐसा ही फल होता है
दूसरों की बातें
चुपके से सुनने का
यहां की बात वहां कर
नज़रों में अच्छा बनने का
क्यों न अखबारों को
कुछ काम दिया जाए
कम से कम अफवाहों को
उनके कानों से बचाया जाए&nbs...
Wednesday, August 08, 2018
खुशी के पल
देखा है कभी चश्में को, नाक से लिपटते हुए
देखा है कभी बालियों को, कान से चिपकते हुए
जैसे गले में टाई और, हाथ में घड़ी लिपट जाती है
ऐसे ही बचपन तुझसे, जिंदगी लिपटना चाहती है
बस छोटे से कद तक, सिमटना चाहती है
खुशियों के दामन में, खोना चाहती है
जी फाड़कर नादानों सा, हंसना चाहती है
भीड़ से कहीं दूर ये जिंदगी, बचपन चाहती है
गिरे उठे जख्म लगे
उम्र की ठोकर पड़े
घाव हुए लालिमा छाई
बचपन तेरी याद आई
होश आया नज़रें अब, कमजोर हो चुकी हैं
फिदाओं की बहारें, कहीं खो चुकी हैं
खुशियां थी जो अपनों में, हिस्सों में बंट गई
कुछ पल बिताई यादें, धागों सी सट गई
आस कहीं...