The words of deep emotion are here.

पंखे में धूल

Poetry comes from the highest happiness or the deepest sorrow. - A.P.J.ABDUL KALAM

अंधेरी कोठरी

Poetry is when an emotion has found it's thought and the thought has foud words. - ROBERT FROST

लोरी

The poet is a liar whoalways speaks truth. - JEAN COCTEAU

डाकिया

Poetry should be great and unobtrusive, a thing which enters into ones soul, and does not startle it or amaze it with itself, but with its subject. - JHON KEATS

कतरा : कागज का

And when all the wars are over, a beautiful butterfly will still be beautiful. - RUSKIN BOND

Thursday, March 26, 2020

वीरान शहर

जगमग महलों से
झांकती खिड़कियां
देखती हैं,
वीरान पड़ा शहर
वह कांप उठी
शहर की वीभत्सता देखकर
जो डर के मारे
माँ के आंचल में
छुप जाना चाहती है
पर कैसे,
जर्जर पड़े मकान
उसकी पीड़ा कुरेदते हैं
मीनारों की चुप्पी
उसे लहूलुहान कर देती है
बंजर पड़ी सड़कों पर
उसका खून रिसने लगता है
वह जानती है
सच सामने आने वाला है
यह सोचकर ही
उसकी रूह थर्रा उठी
और फिर चुपचाप
बड़े धीरे से
बिना शोर किए
वो खिड़कियां बंद हो जाती हैं
जैसे इस शहर में
कुछ हुआ ही न हो
और खिड़कियों ने
कुछ देखा ही न हो।


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Thursday, March 19, 2020

हे मेघा तुम अब आये

स्वप्न देखे बीज बोकर
रातों की नींदें खोकर
फसल जब लहराई
सिंचाई की जरूरत आयी
चारों तरफ तब सूखा था
कुआ खुद ही भूखा था
मिट्टी में दरारें थी
किसानों की कराहें थी
तब भी तुम जागे नहीं,
फसल चक्र अब बीत गया
रक्त धमनियों से सूख गया
सूखा वर्ष घोषित होकर
मानसून प्यासा रोकर
चला गया,
अब पूस के महीने में
ये बाढ़ कैसी आयी
चैन से सोए "हल्कू" की
नींद किसने जगाई
रहा शेष यदि कुछ 
उसे भी तुम उजाड़ गए
जरूरत थी तब सोये रहे
और हे मेघा,
तुम अब आये

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