आओ तुम्हें किस्सा बताऊं
उस समय के कांड का
जो खुरापाती रहा होगा
रचनाकार इस ब्रह्मांड का
जब धरा देख आकाश को
सूना सूना कुछ लगा होगा
तभी उसने भी खेल नया
खेलने को सोचा होगा
उस समय के कांड का
जो खुरापाती रहा होगा
रचनाकार इस ब्रह्मांड का
जब धरा देख आकाश को
सूना सूना कुछ लगा होगा
तभी उसने भी खेल नया
खेलने को सोचा होगा
आओ धारा तुम सहयोग करो
चारों तरफ फैले इस जल का
जिससे मिलकर खड़ा हो सके
एक शानदार नमूना कल का
तभी पवन,अनल ने मिलकर
आकाश का सहयोग किया होगा
चारों तरफ फैले इस जल का
जिससे मिलकर खड़ा हो सके
एक शानदार नमूना कल का
तभी पवन,अनल ने मिलकर
आकाश का सहयोग किया होगा
तब जाकर एक नमूना
हमारे जैसा बन पाया होगा
मगर अफसोस हुआ आकाश को
नमूने का नमूनापन देखकर
क्या करते अब पांचों वह
उसका सूनापन देखकर
तभी अनल जा बोला होगा
एक और नमूना बनाते हैं
जिससे कि चल सके सृष्टि
और हो सके हमारा खेल
तब से लेकर आज तक
हम उसी खेल का हिस्सा हैं
जब मैं भर जाएगा उनका
तब से हम भी किस्सा हैं
0 comments:
Post a Comment