The words of deep emotion are here.

Sunday, July 29, 2018

हिमपुत्र

नाटा कद, मुस्काता चेहरा
हिमपुत्र की शान है
छोटी आंखें, चौड़ा कपाल
यही उसकी पहचान हैं

भ्रमित करती माथे की शोभा
मोहित करे कंठ की वाणी
साहस तेरा देख पर्वत और
नतमस्तक है हर एक प्राणी

गौरव संस्कृति दर्शाती बोली
सदैव आनंदित जीवन होली
नयनों से तेज छलकता
अपनों के लिए ही हृदय धड़कता

समर छेत्र में भीम भुजाएं
छाती है मजबूत शिलाएं
कोमल हृदय विशाल इतना
दुश्मन को भी गले लगाए

प्रत्येक कर्म में तन मन समर्पित
देव भूमि है इनसे अर्जित
आंख बिछाए रिश्तों की शोभा
और निष्ठा में जीवन यह अर्पित

देवात्मा की संताने
दशो दिशाएं ख्याति पाए
देवभूमि में जन्मे हिमपुत्र
त्रिलोक में नाम कमाए

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