उसके बेटे उसे छोड़कर जा चुके हैं
उसका पति अब नही रहा
पूरे गांव में अकेले
वह नहीं रह सकती
उसे अकेलापन खलता है,
वो पहाड़ से उतरकर
शहर में आई है
उस बूढ़ी को काम नहीं मिला
उसकी मजबूरी ने उसे
सड़क पर ला छोड़ा
मैं उसके पहनावे से बता सकता हूँ
वह कोई कुमाऊनी महिला है
उसके गले का गलोबन्द
उसकी नाक में फुलि
हाथों के कड़े
पैरों की चैन पटि
उसके बैठने का तरीका
बात करने का अंदाज
मैं पूरे विश्वास से कह सकता हूँ
वह कोई कुमाऊनी महिला है
लेकिन अब उसके मजबूत हाथ
डर डर कर कुछ मांगते हैं
गर्व और मेहनत से बिताई जवानी
अब उसे रो रोकर याद आती है
भूख मिटाने के लिए
वह मजबूर है
लेकिन वो दर्द भरी आंखे
मैं कैसे भूल सकता हूँ
लेकिन उस मां की ममता
अभी भी जिंदा है
वो अपने बेटे को देखना चाहती हैं।
उसका पति अब नही रहा
पूरे गांव में अकेले
वह नहीं रह सकती
उसे अकेलापन खलता है,
वो पहाड़ से उतरकर
शहर में आई है
उस बूढ़ी को काम नहीं मिला
उसकी मजबूरी ने उसे
सड़क पर ला छोड़ा
मैं उसके पहनावे से बता सकता हूँ
वह कोई कुमाऊनी महिला है
उसके गले का गलोबन्द
उसकी नाक में फुलि
हाथों के कड़े
पैरों की चैन पटि
उसके बैठने का तरीका
बात करने का अंदाज
मैं पूरे विश्वास से कह सकता हूँ
वह कोई कुमाऊनी महिला है
लेकिन अब उसके मजबूत हाथ
डर डर कर कुछ मांगते हैं
गर्व और मेहनत से बिताई जवानी
अब उसे रो रोकर याद आती है
भूख मिटाने के लिए
वह मजबूर है
लेकिन वो दर्द भरी आंखे
मैं कैसे भूल सकता हूँ
लेकिन उस मां की ममता
अभी भी जिंदा है
वो अपने बेटे को देखना चाहती हैं।