The words of deep emotion are here.

पंखे में धूल

Poetry comes from the highest happiness or the deepest sorrow. - A.P.J.ABDUL KALAM

अंधेरी कोठरी

Poetry is when an emotion has found it's thought and the thought has foud words. - ROBERT FROST

लोरी

The poet is a liar whoalways speaks truth. - JEAN COCTEAU

डाकिया

Poetry should be great and unobtrusive, a thing which enters into ones soul, and does not startle it or amaze it with itself, but with its subject. - JHON KEATS

कतरा : कागज का

And when all the wars are over, a beautiful butterfly will still be beautiful. - RUSKIN BOND

Thursday, December 14, 2017

बिछड़ी यादें

इन भटकती सी राहों में
कुछ झिलमिल से चेहरे 
याद आते हैं
जो शायद कभी
हमारे जीवन का 
हिस्सा रहे हों
मगर उनसे जुड़ी यादें 
न झिलमिलाती हैं
न डगमगाती हैं
वह बस हमारे जेहन में
एक सुनहरे पल के रूप में
समाई होती हैं
जो कभी हंसा देती हैं
और कभी रुला देती हैं
याद कराने की कोशिश करती हैं
उन कुछ और यादों को
जो अब याद नहीं आ पाती हैं
शायद जिनकी उम्र थोड़ा कम थी
जो अभी भी
सभी के दिलों में हैं
मगर थोड़ा जोर देने की जरूरत है
किसी को लगता है
यादों को याद करने का वक्त नहीं
किसी को लगता है
जिंदगी बहुत तेज है
मगर हर एक के जीवन में 
वह लम्हा जरूर आता है
जब हमको अकेले में मुस्कुराता देखकर
अकेले बतलाता देखकर
और लोग पूछ बैठते हैं
कि कहां खोया है
लेकिन इन यादों में
बार बार डूबने का मन करता है
जो जीवन के अंतिम पलों में भी
थोड़ा और जीने की
वजह बनने की कोशिश करती हैं
और यही यादें 
हर किसी के जीवन की खुशी हैं
जो कभी अकेला नहीं छोड़ती
क्योंकि जिंदगी भर 
चेहरों पर भरोसा कर
उस समय तक
भरोसे से भी भरोसा उठ चुका होता है
जिस समय
अंतिम दिनों का चलना 
शुरू हो चुका होता है
मगर थोड़ा और जीने की आश
अभी बाकी होती है 
और हमें जिंदा रखने के लिए
ये यादे काफी होती हैं।


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Tuesday, December 12, 2017

छोटा बच्चा कोरा कागद होता है

छोटा बच्चा कोरा कागद होता है
जैसा चाहो लिखा जा सकता है

सभ्य चाहो लिखा जा सकता है
असभ्य चाहो लिखा जा सकता है


सपूत चाहो मिल सकता है
कपूत चाहो मिल सकता है
सर्वोत्तम चाहो मिल सकता है

छोटा बच्चा कोरा कागद होता है
जैसा चाहो लिखा जा सकता है

लिखने वाला भी कातर हो
ऐसा भी हो सकता है
पर वह भी साहस लिखे 
ऐसा भी हो सकता है
सर्वोत्तम चाहो मिल सकता है
तो क्यों नहीं अब इंसान है जागता
ऐसा भी हो सकता है

                     -   विजय बुधलाकोटी
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