The words of deep emotion are here.

Tuesday, September 12, 2017

ये कविताएं

अच्छा है
अच्छा है कि तुमने कविता लिखी
बहुत अच्छा है कि तुमने कविता लिखी
न जाने कितने
जीवनों को संवारा
कितनों को राह दिखाई
कितनों में जीने की अलख जगाई

आजादी से लेकर आज तक
दंगो से लेकर राज तक
आतंक से लेकर मातम तक
उन मनों से लेकर आप तक
और आप से लेकर आपके दिलों तक
कितना योगदान है इन कविताओं का

बच्चों के होठों में मुस्कान आ जाती
जब बंदर मामा की शादी हो जाती
चंदा मामा दूर से आ जाते
मास्टर जी जब पहाड़े पड़ाते
छोटे बच्चे घरों को जाते
दादा दादी जब कहानियां सुनाते
और खुशहाली के दिन यू ही चले जाते

युवाओं के प्रेरणा स्त्रोत बन जाती
जब अर्जुन कृष्ण का संवाद है आता
श्रीराम का स्वयंवर हो जाता
नटखट कान्हा गोपियों संग खेलते
इन सब के बीच ठहाके लग जाते

झांसी , भगत उत्साह जगाते
बापू ,कलाम हमें लक्ष्य बताते
वीरों की गाथाएं सुनाते
अनेकों बलिदानों को गिनाते
स्वतंत्रता की कहानी बताते
ये कविताएं कल से लेकर आज पहुंच जाती

आम आदमी को लेते जाते
समाज को आयना दिखाते
राजनीति पर दोष लगाते
दुख्यारो को दया जताते
गरीबी से आमीरों तक
उनको उनका महत्व बताते
ये कविताएं
गली-गली,घर घर पहुंच जाती

हिंसा पर आवाज उठाते
भ्रष्टों के खिलाफ नारे लगाते
आतंक पर रोष जताते
कभी-कभी
शम शान भी पहुंच जाती
सवाल उठाती उस मानवता पर
दोष निकलती उस नीचता पर
पूछती उस ऊपरवाले से
इस इंसान का वजूद
वजूद ढूड़ती इस संसार में
जिसने इसको बनाया
और अपनी मंजिल पाने को
निकाल पड़ती
हर रोज की तरह
और भी
ये कविताएं बहुत कुछ कहती



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