The words of deep emotion are here.

Saturday, August 25, 2018

पलायन ३

यह तबाही
उनकी नहीं
जन्मभूमि की अधिक थी
जो उनको
अपनी गोद में
हंसते खेलते देखना चाहती थी
मगर वहां
उनके दफन होने को
दो गज जमीन भी नसीब न थी
और शायद
यह उनके ही कर्म होंगे
क्यूंकि आज
दोनों जगह सन्नाटा पसरा है।
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