
जो पाने की ख्वाहिश थी
उस पथ पर चलते जाना तुम
हो अगर अंधेरा बहुत
नया सवेरा बन जाना तुम
डगर अगर मुश्किल हो बहुत
आसान बनाते जाना तुम
राह भटक गए हो अगर
एक नई राह बनाते जाना तुम
कांटे मिले अगर राहों में
कुछ कम करते जाना तुम
मुश्किल लगे यह भी अगर
कुछ फूल ही बोते जाना तुम
हार जीत तो मोड़ हैं राह के
सजग कदम बढ़ाना तुम
आंधियां अगर कदम रोकेंगी
उसको चीरकर जाना तुम
साथी मिले खुशकिस्मत अगर
नए अनुभव लेते जाना तुम
इंसान ना मिले...