कल शाम की
कहर बरपाती बाढ़
सब कुछ ले गई
जो समान उसने
कुछ पलों में ही
बहा दिए
मगर ना ले जा पाया
वह बेचैनी,
बिछड़ने की
वह खुशी,
मिलने की
और वह मानवता
जो उसके खिलाफ खड़ी होकर
मानव को बचा रही थी
The words of deep emotion are here.
Good yuvraY
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